इस बार एक और अधिकमास के चलते एक माह ज्यादा है। जिसके कारण इस बार दो अधिकमास का सयोग बना हुवा है। इस बार अश्विन मास की शुकल पक्ष की शरद पूर्णिमा 30 अक्टूबर को है। लेकिन ज्यादा स्नान – दान व पूजन की पूर्णिमा का मान 31 अक्टूबर को है। शरद पूर्णिमा का ज्यादा महत्त्व है पुरे भारत में और Sharad Purnima 16 कलाओं से युक्त है। क्युकी इस बार एक और माह अधिकमाह के चलते दो पूर्णिमा है। शरद पूर्णिमा धर्म के साथ अघ्यात्म और आर्युवेद की दृष्टि से और भी ज्यादा महत्त्व बन जाता है। जब शाम को चंद्र माँ की रौशनी हमारे शरीर पर पड़ती है तो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभ दायक है।
Sharad Purnima 2020 : स्नान – दान और पूजा के लिया पूर्णिमा 31 को है
अब पुरे भारत में दिवाली का माहौल बन रहा तब ज्योतिषचार्य अवध नारायण के अनुसार Sharad Purnima 30 अक्टूबर शाम 5:04 बजे से लेकर उसका मान 31 अक्टूबर की शाम 7:30 बजे तक रहेगा। इस हिसाब से शरद पूर्णिमा का ज्यादा महत्त्व 31 अक्टूबर को दिखने मिलेगा।
इस कोरोना काल में Sharad Purnima की शाम बठाती है आपकी इम्युनिटी।
हम सब जानते है की शरद पूर्णिमा की रौशनी आह्लादक होती है। साथ ही में चन्द्रमा की किरणे औषधियों गुणों से भरपूर अमृत समान होती है। इसी बजह से लोग खुले आसमान में खीर रखते है। और भौर में ये खीर खाने से हमारी रोगप्रतिकारक शक्ति के साथ हमारी इम्युनिटी भी अच्छी होती है जिससे हम इस कोरोना के सामने लड़ने में हमारी मदद करेगा।
इस चन्द्रमा की रौशनी ब्लू मून जैसी रहेगी।
चन्द्रमा की रौशनी बहुत ही आँखों को छूने वाली होती है। इंडिया के जवाहर तारामंडल के डॉ. रवि किरण के अनुसार इस बार चन्द्रमा की रौशनी ब्लू जैसी रहेगी। इसके लिए चन्द्रमा को ब्लू मून भी कहा जाता है। इस पूर्णिमा के दिन चंद्र की रौशनी बहुत ही चमकीली होती है।